रविवार, 10 मई 2009

मदर'स डे

माँ आखिर माँ होती है .... उससे बढ़कर शायद इस दुनिया में कोई भी नही। एक मूक प्राणी के जीवन का पोषण भीमाँ के हाथों में ही होता है। इस कुतिया को ही देख लीजिये ख़ुद कितनी कमजोर शरीर की है लेकिन फ़िर भी अपनेबच्चो को बहुत ही प्रेम के साथ दूध पिला रही है... माँ के इस प्यार ने बरबस ही मुझे अपनी और खींच लिया था... जिसे में अपने मोबाइल के कैमरे में कैद किया बिना नही रह पाया था।

शुक्रवार, 8 मई 2009

कोई तो सुने इनकी पुकार

पाकिस्तान में हो रहा है हिंदुओं पर अत्याचार

पाकिस्तान में रह रहे सिख बंधु बहुत व्याकुल हैं। व्यथित हैं। सो रहें होंगं कभी तो कोई हमारे लिए आवाज उठाएगा। मेरे अपने हिन्दु भाई मेरे लिए हुंकार भरेंगे । कोई सामाजिक - राजनीतिक - धार्मिक संगठन मदद के लिए हाथ बढ़ाएगा। क्योंकि अब तक ऐसा ही होता आया है। अब जब पाक में रह रहे सिखों का जीने के लिए जजिया चुकना पड़ रहा है तो स्वभाविक है उनके मन में इस तरह के ख्यालात आना। पाक में उनकी हालत बहुत दयनीय है जिंदा रहने के लिए उन्हें मुस्लिम संगठनों को लाइफ टेक्स (करोड़ों में) चुकाना पड़ता है इसके बाबजूद भी देश विभाजन के बाद से लगातार पाक में रह रहे हिन्दुओं की संख्या लगातार घट रही है। (आश्चर्य - संख्या वृद्धि के जगह घट रही है। कारण हिन्दुओं पर अत्याचार) पाकिस्तान में हिन्दुओं पर मुस्लिम संगठनों का इतना दबाब रहता है कि उन्हें कुछ भी, कैसे भी करके जजिया चुकाना पड़ता है वरना मुस्लिम अत्याचारी उनकी लड़कियों को उठा ले जाते हैं, मकान - दुकान तोड़ देते हैं, बलात् धर्म परिवर्तित कर देते है यह क्रूर सत्य है।
पर दुर्भाग्य है पाकिस्तान में रह रहे हिन्दुओं का जो उनके लिए कोई नारे बुलंद नहीं करता। धर्म निरपेक्षता की बात करने वाले कम्यूनिष्ठ ( कम्यूनिष्ठ - भारत के प्रति कम निष्ठावान), हिन्दुत्व की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी भी ध्यान नहीं देती। कांग्रेस की तो बात ही क्या करें उनके घुटने भी वामपंिथयों की तरह हमेशा मुस्लिम हितों की ओर झुकते हैं। कुछ एक अपराधी प्रवुति के मुस्लिम गुजरात में संर्दिग्ध परिस्थितियों में मारे गए उनके लिए तो सब हो हल्ला मचाते है इन पर हो रहे अत्याचार किसी को नहीं दिख रहे। कांग्रेस के नेता और भारत के प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने आस्ट्रेलिया में आंतकवादी गतिविधियों के संदेह में गिरफ्तार मोहम्मद हनीफ की गिरफ्तारी पर कहा था - मुझे रात भर नींद नहीं आई। उन्हीं प्रधानमंत्री को सैंकड़ो मील दूर आंतकवादी गतिविधियो में लिप्त हनीफ की गिरफ्तारी पर नींद नहीं आई वहीं आंख के सामने पाकिस्तान में सिखों पर हो रहे अत्याचार पर आंख, कान और मुँह सब बंद कर रखे है। वे तथाकथित धर्मनिरपेक्षी हिन्दू भी आवाज नहीं उठा रहे जिन्हें अल्पसंख्यकों की बढ़ी चिंता रहती है पाक में सिख की अल्पसंख्यक है जरा ध्यान दो। इस्लाम की सही शिक्षा और सही रूप प्रस्तुत करने वाले
पाक-साफ मुस्लिम संगठन भी खामोश है। जबकि जजिया लेने वाले चिल्ला चिल्ला कर कह रहे हैं हम जो कर रहे हैं कुरान शरीफ के हिसाब से कर रहें हैं। ये लोग भी तभी घर से निकलते हैं जब इनके लोगों का नाम आंतकवादी गतिविधियों में फंसता है। तब सब अपने को पाक-साफ साबित करने के आगे आते है। इनके लोगों द्वारा किए जा रहे कामों का ये कभी विरोध करने के लिए एक साथ नहीं खड़े होते।
आपको लग रहा होगा मैं मुस्लिम विरोधी मानसिकता से लिख रहा हूँ पर सत्य यह है कि मैं चाहता हूँ सब बिना भय के साथ-साथ रहें। पर उसके लिए एक-दूसरे के लिए आगे आना पड़ता है भारत में एक समय बगदाद के खलीफा के अधिकार छीने जाने पर महात्मा गांधी ने हिन्दु-मुस्लिम सबके साथ मिलकर आंदोलन चलाया था। तो क्या हम पाकिस्तान में सिखों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद करें।
सर्वे भवन्तु सुखिना...........
यही मेरी और मेरे पूर्वजों की सोच है।